SHURU KAR

शुरू कर ना बैठ तू 
सही वक़्त के इंतज़ार में 
कर वही जो दिल कहे 
चल वही जहां रूह हॅसे 
कर कोशिश उन मुकामों को पाने की 
ना फ़िक्र कर तू 
हार जीत या इस ज़माने की 
सुन ले खुद की 
फिर ना कहना 
उम्र गुजरने के बाद में 
शुरू कर ना बैठ तू 
सही वक़्त के इंतज़ार में 

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