INSAN NIBHATA JAE

ऐ भगवान तू है सबसे बलवान 
तेरे लिए है आसान 
दुनिया का कोई भी मुकाम 
तो फिर क्योँ मुश्किल कर दिआ 
मेरा सांस तक लेना 
ना मांग लिआ  था तुजसे कोई किला 
ना किआ था मेने किसी का बुरा 
जो ऐसा वक़्त है मुझे मिला 
अब लोग दिखा रहे मुझे अपनी शान 
जिनकी एक वक़त में ना थी कोई पहचान 
अब समझ आया 
काबिलियत से बड़ कर होता है नसीब 
हालातो में ही पता लगे कोन कितना करीब 
मजे लेने तो पूरा शहर आ जाए 
पर आंसू ना किसी से पोछे जाए 
यही  इस दुनिया का दस्तूर 
जो ना चाहे या चाहे 
इंसान निभाता जाए 

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