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Showing posts from December, 2018

SINKING BOAT

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WHEN YOU HAVE NO OTHER OPTION   THAN CONFRONTING THE THINGS WHICH YOU HAD NEVER WANTED.

NIGHTMARE

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WHEN WE FACE HARSH REALITY OF LIFE AND WE HAVE NO OTHER CHOICE. if you like my poetry or any suggestion  please let me know through your comments  or mail me azeyachenz@gmail.com

YE MERA DIL

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when you broke up with someone but still you have feelings that don't let you forget him even make you chase him.  if you like my poetry or any suggestion .please let me know through your comments  or mail me azeyachenz@gmail.com

DIL-e-TAMANNA

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when you know a person better than him and you know that he doesn't love you anymore but still, you can't resist yourself from loving him.    if you like my poetry or any suggestion  please let me know through your comments  or mail me azeyachenz@gmail.com

GARV

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THIS IS FOR THOSE WHO GET THE THINGS NOT BY LUCK BUT AFTER DOING HARD WORK

MUKAAM

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this is for my mother who started with zero and has made her empire by herself after so many struggles...this is for all women like her

TUHI MANZIL

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WHEN YOU SET A GOAL OF LIFE TO GET YOUR LOVE AND FEEL PROUD LATER...

WATAN KA KARZ

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QAID

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TERE ISHQ KI BADOLAT

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तेरे इश्क़ की बदौलत  हमें सांसें मिली है  जीने की तमन्ना आज फिर से हुई  है  यु तो गुज़र जाता था  हर लम्हा  अब ज़िन्दगी खूबसूरत हो गई है  कबकी छोड़ दी थी ख्वाइश बारिश  आज  फिर से हुई है  चाहत नहीं मुझे तेरे जहां की  मेरे जहां में तेरी आहट ही काफी है  महज़ तेरी परछाईओ से  मेरी ज़िन्दगी गुलज़ार हो गई है  तेरे इश्क़ की बदौलत  हमे साँसे  मिली है 

SHURU KAR

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शुरू कर ना बैठ तू  सही वक़्त के इंतज़ार में  कर वही जो दिल कहे  चल वही जहां रूह हॅसे  कर कोशिश उन मुकामों को पाने की  ना फ़िक्र कर तू  हार जीत या इस ज़माने की  सुन ले खुद की  फिर ना कहना  उम्र गुजरने के बाद में  शुरू कर ना बैठ तू  सही वक़्त के इंतज़ार में 

HUSN

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CHAL KHUD KI TALAASH ME

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KASHMIR HAI KISKA

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जब मुझसे किसी ने पूछा  कि कश्मीर है किसका  तो मैंने कहा  पहले ये बताओ  इसे जन्नत से मौत का घर बनाया किसने  हाथो से औज़ार छीन कर  हथियार थमाया किसने  मासूमो को आतंक का सरताज़ बनाया किसने  चहरों से मुस्कान छीन कर  आँखों में आंसू दिए जिसने  यह कश्मीर उसका तो हरगिज़ नहीं  चाहे जान लेलो  उनके आगे  जुखने  वाले  तो हम  कभी  नहीं  जो अपनी राजनीति की रोटी सेकना छोड़कर  हमे सुकून  की दो वक़्त की रोटी दिलाए  जो हाथो में  हथियार  नहीं  रोज़गार दिलाये  जो नफरत की आग नहीं  अमन का पैगाम फैलाये  जो मज़हब को नहीं  कश्मीर की तरक्की को आगे बढ़ाए   जो कश्मीर को दुनिया से काटे नहीं  बल्कि  पुरे जहां से मिलाए  जो कश्मीर को उसकी पहचान दिलाए  यह कश्मीर है उसका  और पूरा जहां जानता  है  कि कश्मीर है किसका  कश्मीर है किसका